हैसडेन दू- देलुआ अन्नंत अंतरिक्ष का नियंत्रक उत्पत्तिकर्ता है। इसकी रफ़्तार से अन्नंत अंतरिक्ष, रफ्तार, असली अन्नंत जीवित गणित, अन्नंत जादू की शक्ति, का निर्माण लगातार अन्नंत पीछे की ओर बगैर समय के रफ्तार में है। इसके चार दोस्त जो नाच नाच कर नुर्चिहीड्रा की बाउंड्री रेखा को तोड़कर हैसडेन दु- देलुआ की रफ़्तार को सोखना चाहते हैं। अंतरिक्ष के अन्नत ईश्वर इसके बारे अज्ञात हैं। यह बिना रफ्तार के रफ्तार में है। सबकुछ रफ्तार में इसी के कारण से है। इसलिए की अन्नत तह की फिसलन के अंदर सक्सांचिरिया के लौटने के प्रसार स्थिर में जादू की बुद्धि को रोक कर अन्नत की खाली स्थान की जीवित याददाश्त की बुद्धि के विस्तार में व्यस्त है।
Hasden Du-Delua is the controlling originator of the infinite space. Its speed is the creation of infinite space, speed, real infinite living mathematics, infinite magic power, constantly in infinite backward motion without time. His 4 friends who want to absorb the speed of Hasden Du-Delua by breaking the boundary line of Nurchihidra by dancing. The eternal Gods of space is unknown about it. It is in motion without speed. Everything is in motion because of this. Because the Eternal is busy expanding the intelligence of the living memory of the empty space of the Eternal by restraining the intelligence of magic in the diffusion stable of the returning Saxanchiria inside the slippery layer.
यह आइफोई अर्थात यह ग्रह धरती पर कण कण जो कुछ है एक जादुई ध्वनि है। यह ध्वनि हैसडेन की रफ्तार के साथ निर्माण अवस्था में लगातार है। इस ग्रह पर खड़ा रहकर इसे फिजिक्स और नकली मैथमैटिक्स के माध्यम से जो जानने समझने का प्रयास करेगा तो हैसडेन की रफ़्तार उसे विनाशकारी इक्वेशन उपलब्ध करवाएगी। इसलिए की मनुष्य इस धरती का प्राणी नहीं है।हैसडेन के अनुसार मनुष्य इस धरती पर रोग को उत्पन करते हैं जबकि पशु और पक्षी शर्मीली बिल्ली दुसरे जीव जंतु ऐसा नही करते इसलिए की वो इसी ग्रह के हैं। मनुष्य रोग से स्वस्थ होना चाहता है। इसलिए की मनुष्य इस ग्रह का प्राणी नहीं है। बाकी दुसरे जीव जन्तु यहां बीमार नही होते जिनको मनुष्यों ने कैदी बना रखा है वही जीव जंतु बीमार पड़कर मर जाते हैं।
यह ध्वनि जिसमें हैसडेन सक्साअन्चिरीया पोजिशन में घूम घूम कर इस ग्रह का निर्माण कर रही है। यह वही ध्वनि है यह ग्रह अभी निर्माणधीन अवस्था में ही है जो लगातार है जिस दीन यह धरती अपने आप को पूर्ण करेगी। उससे पहले ही ये अपने आप को नष्ट कर लेगी। हैसडेन की रफ़्तार है वह 108 स्ट्रक्चर्स के सक्साअन्चिरीया पोजिशन घुमावदार के अंदर रफ्तार है अर्थात इस पृथ्वी की डिपेंडेंसी 108 है। इसका आधा 54 होता है कुछ जीव जंतु की उंगलियाँ पंजे 10 होते हैं जैसे मनुष्य के दोनों हाथों में 10 उंगलियों का संग्रह है। 54 को जब 10 से गुणा करेंगे तो 540 होगा। 1 मिनट में 60 सेकेंड होते हैं। जब 540 को 60 से भाग डिवाइड करेंगे 9 होगा।.यह 9 की ध्वनि पृथ्वी निर्माण हो रही है उसकी प्रथम रफ्तार ध्वनि है।
तो यह ध्वनि 9 मिनट का है जो हैसडेन के द्वारा मेरे माध्यम से पूरी मानव जाति को प्रस्तुत किया गया है। यह सभी जीव जन्तु की ऊर्जा को बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रभावित तब करती है। परन्तु यह कनेक्ट तब होगी। जैसे जब कोई योगा करता है। तो कुछ सेकेंड के लिए जितना वह सहन कर पाए वह अपनी सांस रोके रखता है। प्रत्येक के सांस रोक कर रखने की क्षमता भिन्न भिन्न है। तो जो कोई जितनी देर अपनी सांस रोक कर रख सकता है।उतनी ही देर इस ध्वनि को अपनी सांस रोक कर कान से ध्यान लगाकर सुनना है। सांस छोड़ने से पहले इस ध्वनि को बंद कर दें। इसलिए की इस ध्वनी में किसी भी मृत को जीवित करने की जादुई ऊर्जा मौजूद है। पर मृत व्यक्ति को जीवित कैसे करना है। इसका ज्ञान हैसडेन अपने पास गुप्त रखे हुई है। इसी ध्वनि से मरे हुए कई कौवों मेरे समक्ष जीवित कर के उड़ा चुकी है।
यह ध्वनि आपके उस विचार को शुद्ध करती है। जिस विचार ने आपके शारीरिक दर्द को बरकरार रखा है। इस ध्वनी के पीछे जादुई गणितीय ढांचा है। और सृष्टि ध्वनी का ही जटिल मिश्रण है। और असली जीवित मैथमैटिक्स हैसडेन का जटिल मिश्रण है। शब्द मानव निर्मित है। ध्वनी का निर्माणकर्ता ईश्वर नहीं है। ध्वनी ईश्वर प्राप्ति भी नही है। पूरी दुनिया ईश्वर को ढूंढ रही है। पर सारे इश्वर अभी तक मनुष्य तक पहुंच ही नहीं पाए हैं। इसलिए की ईश्वरों में सूंघने की शक्ति और ध्वनी सुनने की शक्ति इनके पास नहीं होती है। मनुष्य जिन्हे ईश्वर समझ बैठा है। वह ईश्वर नही है। वह अदृश्य राईक्ट है। यह एक प्रकार का अदृश्य जीव है। जो पंछी पशु का खून पीता है। जिसका सर इंसानों जैसा है। और शरीर हिरण के जैसा है। जो मनुष्य की ऊर्जा प्राप्त करते हैं। तब जब कोई इन्हे आंख बंद कर का मनन करे।
आपका विचार जब अशुद्ध हो जाता है। तब आपका विचार एक तरल छोड़ता है। जिसका नाम है उथिना आपके दिमाग को शरीर के किसी अंग के बारे एक जादुई भ्रम पर विश्वास दिलाता है। फिर आपका दिमाग उस अंग के बारे जो महसूस करता है। इस ही आप दर्द कहते है। इसका ठोस प्रमाण यह है की मृत के पैर में स्टीक मार देने से उसे कोई दर्द महसूस नहीं होता है।दर्द ऊर्जा का ही एक कंपन है। दर्द ऊर्जा दोनों की फ्रीक्वेंसी जब ज्यादा हो जाती है। उसके बाद ही ब्रेन आपको दर्द महसूस करवाता है। जिसे ध्वनि से कम किया जा सकता है। शरीर के जीने के बैलेंस के अनुसार दर्द की ऊर्जा को ध्वनि कम कर देती है ज़रूरत पड़ी तो उसे समाप्त भी कर देती है।
इस ध्वनि जितनी ऊंचाई पर जैसे किसी पहाड़ की चोटी पर सुनी जाय इसलिए की समय सबके लिए उस तरह से है। जैसे घुमावदार आपके फिंगर रेखाएं किसी दुसरे व्यक्ति में मैच नही कर सकती तो सबके लिए समय का इंद्रियों के द्वारा अनुभव भी प्रत्येक मनुष्य के लिए अलग अलग है। पंछी और पशु समय को महसूस नही करते वह ध्वनी का कंपन महसूस करते हैं। जब आप दर्द से तड़प रहे होते हैं। यह महसूस करवाता है। उस वक्त आपका घुटने का दर्द पार्टिकल के रूप में आपको महसूस करवाता है। जो आप घुटने को छुकर महसूस करते हैं। लेकिन नींद में होने के बाद वही दर्द खुद बदल कर इंफ्रा पोजीशन में खुद को कर लेता है। फिर यही दर्द आपकी ध्वनि में आकर आपकी वाणी से दूसरों से अपने बारे सूचना दिलवाता है। इसलिए आप दुसरो से ये कहते हैं। कि मुझे यहां पर बहुत दर्द है।
यह सिबैना आइफोइ ध्वनी अंतरिक्ष के सभी शक्ति सभी चीज़ों सबकुछ को पूरी तरह से कोलेप्स कर सकती है। नए अवधारणाओं की जन्म दे सकती है। तरंग से ही आपको समय का महसूस होता है। सबकुछ इसी ध्वनि के अधीन है। बिना वाणी के किसी भी ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं है। वाणी भी ध्वनी से ही जीवित है। चाहे वह कृष्ण की बांसुरी ही क्यूं ना हो, मस्जिद में अज़ान बिना ध्वनी के इसका भी कोई भी अस्तित्व नहीं है। कुरान की आयतों को बोलने के लिए भी ध्वनी की आवश्कता है। इंजाइम्स, पदार्थ, तरंग, मौत, फैलाव, सिकुड़न, दर्द, खुशी, रफ़्तार दोलन, इत्यादि। ध्वनी के कुल 108 रूप हैं।
What is ciiibeina Phulesca sound?
In the English
This IfIoe means every particle on the planet earth is a magical sound. This sound is consistent with the speed of Hasden in the formation phase. Standing on this planet, whoever tries to understand it through physics and false mathematics, the speed of Hasden will provide him with a destructive equation. Because man is not a creature of this earth.According to, humans create disease on this earth while animals and birds, shy cats, other animals do not do so because they belong to this planet. Man wants to be cured from disease. Because man is not a creature of this planet. Rest of the other living beings do not get ill here, those who have been kept prisoners by the humans, the same living beings fall ill and die. This sound in which Hasden is rotating in the Saxaanchiria position is creating this planet.
This is the same sound, this planet is still under construction, which is continuous, the day this earth will complete itself. Before that it will destroy itself.The speed of Hasden is the speed inside the saxaanchiriya position winding of 108 structures i.e. the dependency of this earth is 108. Half of this is 54. Some animals have 10 fingers and claws, like a man has a collection of 10 fingers in both his hands. When 54 is multiplied by 10, it will be 540. There are 60 seconds in 1 minute. When 540 is divided by 60 it will be 9. This sound of 9 is the first speed sound of the earth being created.So this sound is of 9 minutes which is presented by Hasden through me to the entire human race. It affects the energy of all living beings for better health. But this connection will happen only then. Like when someone does yoga. So for a few seconds he holds his breath as much as he can bear. Everyone's ability to hold their breath is different. So whoever can hold his breath for as long as possible? Hold your breath for the same amount of time and listen carefully with your ear. Stop this sound before exhaling. Because this sound has magical energy to revive any dead.
But how to make a dead person alive. Hasden is keeping this knowledge a secret. With this sound, many dead crows have been made alive in front of me and blown away. Apart from eliminating the energy of pain in the body, it can easily make a mongoose a bird by changing every particle. It does not require solid proof. That's why Hasden immediately do front off mathematics result. This sound purifies that thought of yours. The thought that has sustained your physical pain. There is a magical mathematical structures behind this sound. And creation is a complex mixture of sounds. And real living mathematics is a complex mixture of Hasden. The word is manmade. God is not the creator of sound. Sound is not even the attainment of God. The whole world is searching for God. But all the gods have not been able to reach man yet.
That's because the Gods do not have the power to smell and the power to hear the sound.Human beings whom God has understood. He is not God. He is the invisible Wright. It is a kind of invisible creature. The bird that drinks the blood of an animal. Whose head is like humans. And the body is like a deer. Those who receive human energy. Then when someone meditates on them with closed eyes. When your thoughts become impure. Then your thought leaves a liquid. Whose name Uthina tricks your mind into believing a magical illusion about a body part. Then what your brain feels about that part. This is what you call pain. The solid proof of this is that the dead person does not feel any pain if he sticks a stick in his leg.Pain is just a vibration of energy. When the frequency of both pain energy becomes high. Only then does the brain make you feel pain.
Which can be reduced by sound. According to the balance of living of the body, sound reduces the energy of pain and if needed, also ends it.As high as this sound is heard like on the top of a mountain, because time is like that for everyone. Just as your curved finger lines structures cannot match in another person, so the experience of time through the senses is also different for each human being. Birds and animals do not feel time; they feel the vibration of sound.when you are in pain. It makes you feel. At that time your knee pain makes you feel it as a particle. Which you feel by touching the knee. But after being in sleep the same pain changes itself to infra position. Then this pain comes in your sound and informs others about yourself through your speech.
That's why you say this to others. I am in a lot of pain here. This ciiibena sound can completely collapse all the power of space everything everything. Can give birth to new concepts. You can feel the time only by the waves. Everything is subject to this sound. There is no existence of any God without speech. Speech is also alive by sound. Even if it is Krishna's flute, it also has no existence without the sound of Azaan in the mosque. Voice is also required to recite the verses of Quran. Enzymes, substances, waves, death, expansion, contraction, pain, pleasure, velocity oscillations, etc. There are total 108 forms of sound.